करता हूँ मै समर्पण
ये आत्मा और ये जीवन (2)
हाथों को उठाके मै
घुटनो पे आ रहा हूँ
शीश को झुकाके मै
दिल से ये कह रहा हूँ
पवित्र आत्मा आ
पवित्र आत्मा आ (4)
तू आजा अपनी सामर्थ में
हमे भरदे अपने प्रेम से खुदा
तू आजा अपनी सामर्थ में
हमे भरदे अपनी ताकत से खुदा
तू आजा अपनी सामर्थ में
हमे भरदे अपनी अग्नि से खुदा ||पवित्र||
तेरी ज़रूरत है ||तू आजा||
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